जब तैराकों किसी कम्पटीशन में स्विमिंग ब्लाक पर चढ़ता है तो वाहां सिर्फ एक ही व्यक्ति होता है जो तैरक की उन्नति का कारण होता है, वो वही व्यक्ति है जो तैराक रोज सुबह शीशे में देखता है मतलब वो खुद|
1.निराशा को अपनी प्रेरणा का ईधन बनने दे:-
आप दो तरीकों से निराशा का रुख कर सकते है, निराशा हाथ लगने के बाद आप उसके लिए खेद महसूस कर सकते है या फिर आप उसको पॉजिटिव तरीके से लेकर अपनी क्षमता को बढ़ाने पर सोच सकते है| मेरे ख्याल से तैराकों को अपनी निराशा को प्रेरणा के रूप में उपयोग करना चाहिए| इसका एक उदहारण “ब्रेंडन हसन” जो की ओलिंपिक मेडलिस्ट है के जरिये दिया जा सकता है| ब्रेंडन हसन ने बताया की वो सुबह सिर्फ एक अच्छा अभ्याश करने के लिए उठते थे उनके मन में ये बिलकुल नहीं था की उनको ओलिंपिक रिकॉर्ड तोडना है| ये भी उन्होंने बताया की कैसे उन्होंने 2000 के ओलंपिक्स को मिस कर दिए और वो उस तरह फिर से महसूस नहीं करना चाहते थे| इसलिए उन्होंने उसको एक पॉजिटिव तरीके से लेकर अपना अभ्याश जारी रखा|
2.अपने कोच की बात सुनो:-
ये बात आसान लग सकती है लेकिन यह हमेशा आसान नहीं होती है, एक खिलाडी अपनी पूरी क्षमता के साथ परफॉरमेंस करने के लिए अपने कोच पर भरोसा करता है| तैराको को अपने कोच की बात सुननी चाहिए की वो क्या कह रहे है और मन में जो सवाल हो उसे भी अपने कोच से पूछना चाहिए, सवाल पूछने के लिए एक खिलाड़ी को खुले दिमाग का होना बेहद जरुरी है| इसके साथ ही साथ एक अच्छे तैराक को अपने दिमाग की बात भी समझनी चाहिए| लेकिन क्या वास्तव में हम यह करते है ? तैराकों को ये समझना चाहिए की उनका दिमाग और उनका शरीर आपस में कैसे मिले हुए है| तैराकों को सकारात्मक बदलाव करने की जरूरत है |
3.रेस
हर अवसर पर तैराकों को अपने आप को एक रेस करने की स्थिति में डालना आना चाहिए| लेकिन कुछ वर्कआउट सेट्स में यह उचित नहीं हो सकता है जैसे रिकवरी सेट्स लेकीन तैराकों को यह याद रखना चाहिए की कम्पटीशन रेस में उनको 7 अन्य तैराकों से मुकाबला करना है| जितना ज्यादा तैराक प्रैक्टिस में रेस को सोच कर अभ्याश करेगा उतना ही फायदा उसे रेस वाले दिन मिलेगा|
4.कभी खुद को बहुत गंभीर नहीं लेना चाहिए
अगर किसी तैराक की परफॉरमेंस किसी वजह से अच्छी नहीं होती है तो उसे बहुत गंभीर नहीं लेना चाहिए सिर्फ अपनी की हुई गलती को ध्यान में रख कर भविष्य के लिए काम करना चाहिए|
तैराको को अपने प्रयाश को गंभीर लेना चाहिए ना की खुद को ही गंभीर लेना चाहिए, तैराक को ये याद रखना चाहिए की जितना महत्वपूर्ण उनके टारगेट है स्विमिंग में उससे ज्यादा महत्वपूर्ण उसका अभ्याश करना है| तैराकों को रिलैक्स, हसी मजाक करते रहना चैहिये और परसन और परफॉरमेंस के बीच के अंतर को समझना चाहिए|
“एक प्रदर्शन आप को परिभाषित कभी नहीं करते हैं, अपके कार्य आपको परिभाषित करते हैं।”