जब एक तैराक ब्लॉकों स्टार्टिंग ब्लाक से जम्प करता है तब तैराक की सारी मांसपेसियों को पूर्ण गतिशीलता के साथ उचित क्रम में एक्टिव किए जाने और शीर्ष स्तर पर प्रदर्शन करने की जरूरत है। लोअर बैक पैन प्रदर्शन और गतिशीलता दोनों बाधा कर सकते हैं। हालांकि कंधे की चोट की तरह ये आम नहीं है, रिसर्च से पता चला है की, इलीट तैराको में 18% कम पीठ की चोटों की रिपोर्ट है, जबकि अन्य टेराको में अध्ययनों द्वारा ज्यादा ऊंची दरों को सूचित किया है( 75% से 80%).
लोअर बैक पैन सभी उम्र के तैराक को प्रभावित करता चाहे वो 10 साल का तैराक हो या 38 साल दोनों को ही लोअर बैक पैन होने की बराबर संभावना रहती है|
इस पोस्ट में लोअर बेक पैन होने के कारण और उससे होने वाले खतरों से लेकर लोअर बेक पैन कैसे खत्म करे ये सब दिया गया है|
रीढ़ और एनाटॉमी का के फंक्शन:-
हमारी रीढ़ एक कशेरुका स्तंभ (हड्डियों) से मिल कर और लचीला “इंटरवेरतेबरल” डिस्क जो की तक़रीबन आधा इंच मोती होती है उससे मिल कर बनी होती है, जो रीढ़ की हड्डियों पर आने वाले लोड अवशोषित करने में मदद करती है। रीढ़ की हड्डी भी चार क्षेत्रों में बांटा गया है।(ग्रीवा, वक्ष, काठ, और त्रिकास्थि) काठ की रीढ़ की हड्डी में एक छोटा सा, प्राकृतिक आगे की ओर C के आकार का वक्र है, जो रीढ़ की हड्डी पर पड़ रहे लोड को फैलने में मदद करता है|
तैराकों को बैक पेन क्यों होता है?
कुछ तरह की तैराकी जैसे – सप्ताह में दो बार तैरना बैक पेन होने से बचाता है ये ऐसा भी कह सकते है की बैक पेन के प्रभाव को कम करता है|.
लेकिन ये सुरक्षात्मक कारक प्रतिस्पर्धी तैराकों में नहीं देखा जाता है क्युकी प्रतिस्पर्धी तैराको को काफी ज्यादा मेहनत करनी होती है प्रतिस्पर्धी तैराक अपने शरीर के मोशन को चरम सीमओं तक ले जाते है
यदी एक तैराक को रूप ध्वनि बायोमैकेनिक्स का अभाव है तो वह एक “मुसकोलोस्केलटेल” चोट से जोखिम होता है या फिर इस चोट लगने की संभावना होती है| लोअर बैक पेन भी शरीर पर असामान्य रूप से जोर दिये जाने के साथ होता है जैसे कोई तैराक पानी में गलत तरीके से स्विमिंग करता है(सर और बॉडी की पोजीशन गलत होना) तो लोअर बैक पेन होने की संभावना बोहोत बढ़ जाती है|
“बटरफ्लाई और ब्रेस्टस्ट्रोक स्विमिंग में लोअर बेक पर ज्यादा जोर पड़ता है इसलिए इन दोनों स्ट्रोक को करते वक्त ज्यादा ध्यान देना चाहिए|”
लोअर बैक पेन के उपचार:-
अगर आपकी स्विमिंग तकनीक सही है तो आपको लोअर बैक पेन होने की संभावना आम तैराको से 90% तक कम होती है इसलिए सही स्विमिंग तकनीक बोहोत जरूरी है| रीढ़, कमर,आर्म में फ्लेक्सिबिलिटी(लचीलापन) होना जरुरी है, कोच द्वारा बताये गये वर्कआउट को ठीक से प्रैक्टिस करने से ना सिर्फ आपका परफॉरमेंस अच्छा होगा बल्कि ये आपको बैक पेन जैसी चोटों से भी बचाएगा|
बैक पेन होने के बाद सबसे पहले किसी फिजिशियन को दिखा कर राय लेनी चाहिए, खासकर तब जब तैराक को पहले कभी बैक पेन ना हुआ हो|
नीचे कुछ व्यायामो का नाम दिया गया है जो कोर को मजबूत बनाने और पीठ दर्द(बैक पेन) को रोकने और पानी में प्रदर्शन में सुधार करने के लिए हैं।
- कैट – डॉग स्ट्रेच
- हिप फ्लेक्सोर स्ट्रेच
- कोबरा स्ट्रेच
- रसियन ट्विस्ट
- रीमलाइन क्रंचस