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स्ट्रोक इम्प्रूवमेंट और ब्रीथिंग टेकनिक – Swimming Technique In Hindi

Braden Keith
by Braden Keith 0

January 02nd, 2017 Hindi

स्ट्रोक विश्लेषण के क्या है फायदे?

बहुत से तैराकों की ये दिक्कत होती है की वो स्ट्रोक की सही टेकनिक नहीं समझ पाते, जाहिर सी बात है की तैराकों खुद की टेकनिक को पानी में तैरते वक्त नहीं देख सकते और साथ ही साथ ये भी नहीं हो पाता की कोई बाहर खड़ा व्यक्ति उसको तैरते वक्त ही बोले की स्ट्रोक में क्या कमी है| लेकिन अगर तैराक़ अपनी स्विमिंग की विडियो बनवा कर उसका अच्छी तरीके से विश्लेषण करे तो उसकी स्विमिंग में इम्प्रोव्मेंट होना तय है| इसके साथ ही साथ वो अपने स्टार्ट, टर्न और बाकि तकनीको का विश्लेषण करके उसको सुधार सकता है| अपने स्ट्रोक का विश्लेषण करके आप एक बेहतर तैराक़ बन सकते है|

 

  • चोट से बचाव

 

कंधो में चोट लगना एक गलत टेकनिक की तरफ इशारा करता है, गलत स्ट्रोक टेकनिक कई तैराकों के कंधो में हुई चोट का कारण है, डॉक्टर के पास जाने से बचने के लिए सबसे सही तरीका है की तैराकों अपने स्ट्रोक टेकनिक पर ध्यान दे, जब आप अपने स्ट्रोक का विश्लेषण करेंगे तो आपको ये बात पता चलेगी की आपके शारीर का कौन-कौन सा हिस्सा आपके स्ट्रोक में सामिल होता है| स्ट्रोक टेकनिक में एक छोटी सी भी गडबडी तैराक को डॉक्टर तक ले जा सकती है इसलिए तैराको की स्विमिंग का विश्लेषण करना बेहद जरुरी है|

 

  • “ज्ञान” एक शक्ति है

 

“जितना ज्यादा आप किसी चीज़ के बारे में जानोगे, उतना ज्यादा आपके पास उस चीज़ पर नियंत्रण होगा”, भले ही वो स्विमिंग हो या आपकी जिन्दगी| टेकनिक पर फोकस करने के लिए थोडा समय लग सकता है, लेकिन अगर आपको टेकनिक की सही जानकारी है तो आपको बाकियों से कम समय लगेगा इसलिए टेकनिक पर काम करने से पहले उसकी जानकारी लेना बहुत जरुरी है की उस टेकनिक में शरीर की कौन कौन से मंसपेसिया इस्तेमाल में आयेंगी, टेकनिक के साथ स्विमिंग करने पर पानी का कितना ड्रैग आपके शरीर को झेलना पड़ेगा|

मेरा ये मानना है की चाहे आप एक ट्राइएथलिट हो या आप एक तैराक, जितना भी समय आपको लगता है सही टेकनिक समझने में आप उतना समय दीजिये लेकिन जो टेकनिक आप समझ रहे है उसे पूरी तरह से समझ लीजिये ताकि स्विमिंग करते वक्त कोई शंका न रहे मन में|

“एक वीडियो आधारित स्ट्रोक विश्लेषण में समय देना या एक स्ट्रोक क्लिनिक के लिए साइन अप करना प्रक्रिया में पहला कदम है।”

एकतरफा श्वास और द्विपक्षीय श्वास

1.एकतरफा श्वास(unilateral breathing):-

एकतरफा सांस को समझने से पहले ही इसके नाम से ही पता चल रहा है की इसमें किसी एक तरफ की बात हो रही है, या हो आप दायें या फिर बाएँ तरफ से श्वास लेते है और इसका मतलब ये भी है की आप हर दूसरे स्ट्रोक पर या प्रति स्ट्रोक सांस ले रहे हैं।

  • आप हमेशा एक ही पक्ष (केवल बाएँ या केवल दाएं) पर में सांस लेते हैं।
  • इस तकनीक का इस्तेमाल कम दुरी वाली तैराकी प्रतियोगिता के लिए प्रयोग किया जाता है।
  • इस तरह की श्वास लेने की तकनीक में आपके शरीर को ऑक्सीजन अच्छी मात्रा में मिलती है।

2.द्विपक्षीय श्वास(Bilateral Breathing):-

द्विपक्षीय सांस लेने में, अक्सर तैराक दो स्ट्रोक या तीसरे स्ट्रोक के बाद सांस लेता है। इस तरह की साँस लेने की तकनीक में तैराक हर 2 या 3 स्ट्रोक के बाद सांस लेने के लिए दाये से बाए बदलता है| यह पैटर्न आमतौर पर लंबी दूरी की तैराकी प्रतियोगिताओ में इस्तेमाल किया जाता है|

  • इसके अलावा ये तकनीक फिटनेस तैराकों द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
  • इससे तैराको को अपने अगल-बगल के तैराकों की स्तिथि का पता भी आसानी से चल जाता है|

इन निम्नलिखित बातों पर ध्यान केंद्रित करे:-

  • श्वास छोड़ते(Exhaling) वक्त पूरी तरह से साँस छोड़े जब तक आपके फेफड़ों में से पूरी तरह से खाली न हो जाये|
  • एक ओर सिर को मोड़ कर श्वास लेने का अभ्याश करते रहे।
  • जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी श्वास लेके सिर को वापस पानी में करे।

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About Braden Keith

Braden Keith

Braden Keith is the Editor-in-Chief and a co-founder/co-owner of SwimSwam.com. He first got his feet wet by building The Swimmers' Circle beginning in January 2010, and now comes to SwimSwam to use that experience and help build a new leader in the sport of swimming. Aside from his life on the InterWet, …

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